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धारा:- 243 संपत्ति को समपहरण किए जाने में या निष्पादन में अभिगृहीत किए जाने से निवारित करने के लिए उसे कपटपूर्वक हटाना या छिपाना

(IPC) की धारा 206 को (BNS) की धारा 243 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 243

(संपत्ति को समपहरण किए जाने में या निष्पादन में अभिगृहीत किए जाने से निवारित करने के लिए उसे कपटपूर्वक हटाना या छिपाना)

जो कोई किसी संपत्ति को, या उसमें के किसी हित को इस आशय से कपटपूर्वक हटाएगा, छिपाएगा या किसी व्यक्ति को अन्तरित या परिदत्त करेगा, कि एतद्वारा वह उस संपत्ति या उसमें के किसी हित का ऐसे दण्डादेश के अधीन जो न्यायालय या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा सुनाया जा चुका है या जिसके बारे में वह जानता है कि न्यायालय या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसका सुनाया जाना सम्भाव्य है, समपहरण के रूप में या जुर्माने के चुकाने के लिए लिया जाना या ऐसी डिक्री या आदेश के निष्पादन में, जो सिविल वाद में न्यायालय द्वारा दिया गया हो या जिसके बारे में वह जानता है कि सिविल वाद में न्यायालय द्वारा उसका सुनाया जाना सम्भाव्य है, लिया जाना निवारित करे, वह दोनों में, से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या पांच हजार रुपए तक के जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


अपराध का वर्गीकरण

 सजा:- -3 वर्ष के लिए कारावास, या 5,000 रुपए जुर्माना, या दोनों

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।





अघ्याय 2 की सारी धाराएं विचारण के पहले की (इनके प्रारूप ऊपर हेड में दिए गए है)








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